Friday, January 6, 2017

||हाँ हम हिन्दू का एक बच्चा है||

हम एक बच्चा है
हाँ, हम हिन्दू का एक बच्चा है
बहुत युग देखे काल देखे
कालखण्ड देखे, त्रासदियां देखी
भूखमरी देखी, महामारियां देखी
अनन्त राजे-रजवाड़े और उसके वंश देखे
अनगिनत आक्रमण देखे, गुलामियां देखी
बावजूद हम हिन्दू का एक बच्चा है।

मैंने अपनी बाजुओं को लहुलूहान होते देखा
उसे कटते हुए देखा, काटते देखा
अपनों को दूर जाते देख खून के आँसू रोया

आज वो कटकर अलग हुए भाई
हमें 'हिन्दू-हिन्दू' कह के गाली देते हैं
मखौल उड़ाते हैं, उपहास उड़ाते हैं, हँसते हैं,
मैं उनके चेहरों को बड़े गौर से देखता हूँ
उनके खुश होने का कारण ढूंढता हूँ
फिर न जाने क्यों उसपे तरस आती है
मैं उसके हँसते चेहरों को देख के बस मुस्कुरा देता हूँ।
जो झँझावातों के आगे झुक गए
वो हमारा मखौल उड़ाते हैं,
जो तलवारों के आगे झुक गए
वो हमारा मखौल उड़ाते हैं,
जो लोभ-लालच के आगे दण्डवत हो गए
वो हमारा मखौल उड़ाते हैं,
जिन कुरीतियों, विषमताओं का आधार बना वो हमसे दूर हुए
वो दूसरे की कुरीतियों व विषमताओं को आत्मसात किये
हमारा मखौल उड़ाते हैं.
जिन्होंने हमेशा हवाओं के सापेक्ष उड़ा हैं
वो हमें विपरीत दिशा में उड़ने का ज्ञान देते हैं।

तुमने कौन सी जुल्मों को सहा
जो हमने नहीं सहा ?
तुमने कौन सी कुरीतियों का सामना किया
जिसका सामना हमने नहीं किया ?
तुमने कौन सी विषमताओं को झेला
जिसको हमने नहीं झेला ?
बावजूद हम हिन्दू का एक बच्चा है
और तुम ??

सुविधानुसार कभी नीला, कभी हरा तो कभी श्वेत का चोला धारण करने वालों
हमारी केसरिया पे प्रश्नचिन्ह न लगाओ।
अभी तो नीला,हरा और श्वेत ही धारण किये हो
भविष्य में पीला,बैंगनी धारण कर लोगे इसमें आश्चर्य नहीं।

न जाने किस गर्व से गर्वित होकर
हमारा मखौल उड़ाते हो,
मुझे तो तुम्हारी हँसी देखकर तरस आती है।

न डर, न भय, न लोभ तुम्हारे जितना कच्चा है,
हमें गर्व है कि हम हिन्दू का एक बच्चा है।

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जय श्री राम

गंगवा
खोपोली से।

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