Sunday, July 17, 2016

||एक परिकल्पना||

-: एक परिकल्पना यह भी :-

चलो मान लेते हैं, गणित के जैसे कि हमारा देश 1947 में आज़ाद न हुआ होता. ब्रिटिश शासन के दौरान चाइनीज़ लोग 1920 के करीब अपनी पैठ बनाना शुरू कर देते भारत में. और अपनी कुशल कूटनीति से मौजूदा हालात का फ़ायदा उठाते हुए(अंग्रेज़ों के जैसे) 1935 के आस-पास पूरी तरह से ब्रिटिशों के हाथ से सत्ता छीन के सत्तासीन हो गए होते. और फिर हिंदू,मुस्लिम और अंग्रेज़ों (ईसाई) का क्रूरतापूर्वक दमन करता. क्रूरता के ऐसे मिसाल पेश करता कि मुस्लिम शासकों और अँग्रेज़ शासकों की क्रूरता भी उनके सामने बौनी पड़ जाती. चाइनिजों से पूर्व भारत में जितने भी अंग्रेजों के विरूद्ध स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन जो हिन्दू-मुस्लिम मिल के लड़ रहे थे सबको दबा दिया जाता. और अगले 30-40 सालों तक कोई चूँ-चा भी नहीं करता. फिर धीरे-धीरे चाइनिजों के खिलाफ आवाज़ उठनी शुरू होती,बोले तो चाइनिज़ो के खिलाफ क्रांति का आग़ाज. और इस क्रांति में हिन्दू,मुस्लिम,सिख और अंग्रेज़ जी हाँ अंग्रेज भी शिरकत कर रहे होते. अँग्रेज़ भी बलिदान की नई गाथा लिख रहे होते,फाँसियों पे हँस-हँस के झूम-झूम के चढ़ रहे होते. हिन्दू,मुस्लिम,अँग्रेज़ सब की बराबर की भागीदारी रही होती चाइनिजों के विरुद्ध स्वतंत्रता आंदोलन में. और एक लंबे संघर्ष के बाद लगभग चाइनिजों द्वारा 100 साल राज करने के बाद सन् 2040 के आस-पास भारत आज़ाद हुआ रहता लेकिन चाइनीज़ जाते-जाते अपनी कूटनीति का परिचय दे जाते और भारत तीन खंडों में विभाजित हो गया रहता. मुस्लिमों के लिए पाकिस्तान, अँग्रेजों लिए न्यू-इंग्लैंड( नार्थ-ईस्ट का क्षेत्र ) और हिंदुओं के लिए भारत. लेकिन भारत-पाकिस्तान के जैसे पूर्णतः आबादी का स्थान्तरण नहीं हुआ रहता. मतलब कुछ भारत से प्यार(?) करने वाले अंग्रेज़ यही पे रुक गए होते. तो आज़ादी के 25-30 साल बाद (सन् 2070-75) के आस-पास की राजनीति कैसी होती.?
आज़ादी के 25-30 साल के बाद दो-चार बड़े दंगे हिन्दू-क्रिश्चियन के बीच हो गया रहता और दो चार छींट-पुट दंगे हिन्दू-मुसलमान और मुस्लिम-क्रिश्चियन के बीच. देश में चुनाव का माहौल रहता तो भाषणबाज़ी और डिबेट कैसे हो रहे होते.
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All India conservative peoples party(AICPP)  का सुप्रीमो रिचर्ड कैरी अपनी एक विशाल अँगरेज़ के रैला को संबोधित करते हुए—
“ लेडीज़ एंड जेंटलमेन….. आज हमारा खण्ट्री का माहौल एकडम् सई नाय हैं.. हिन्दुत्तवाडी टाक़ते हिंदुओं को पोलराइज़ कर रहा हैं एंड हमारे अगेंस्ट उसको भड़का रहा हैं…विश्व हिन्दू सेना (VHS) का लीडर साब बोल रहा हैं कि अँग्रेजों को हम न्यू-इंग्लैंड या फिर ब्रिटेन भेज डेगा. अरे ऐसा कैसा भेज डेगा हमको न्यू-इंग्लैंड… ये  इंडिया तुम्हारे बाप हैं क्या ? हमारा फोरफादर्स साब फोरेनर हो साख्ता हैं इन्भेडर हो साख्ता हैं बट हाम यहीं बर्थ लिया और मारेगा भी यहीं पे. आब हाम अँगरेज़ या फिर घोरा नाइ रह गया आब हाम साब इंडियन हैं…जितना हाक़ तुम्हारा इस खण्ट्री में हैं उटना हाक़ हमारा भी हैं…हामने भोत सक्रिफाइस दिया हैं इस खण्ट्री के फ्रीडम के लिए…हामने  छाईनीजों से अपने फ़यारे खण्ट्री के फ्रीडम के लिये हाँसते-हाँसते फ़ासी पे चाढा हैं…..हाम काही नाइ जाने वाला….और अगार हाम खण्ट्री छोड़ के जाएगा तो साथ में पार्लियामेंट,गेटवे ऑफ इंडिया,इंडिया गेट,हावड़ा ब्रीज़ , थमाम रेलवे लाइन्स,ब्रिजस् साब ले के जाएगा….और थुमारे पास क्या बाचेगा…नालंदा की टूटी फूटी ईमारत….लॉर्ड राम की टूटी फूटी मंदिर..?
हामको आझ ओड़िसा में मारा जा रहा हैं…केरला में मार जा रहा हैं…झारखण्ड में मारा जा रहा हैं…आरे हमपे जुल्म कारना बंद करो…हम भोत टॉलरेट कर रहा है तुमको छाईनिजों से फ्रीडम के बाद से…खण्ट्री को शांति से चालने दो… नाई तो हामे तुमे याद डिलाना पाडेगा कि कैसा हम 300 ब्रिटिशमेन आया था और तुम 40 खरोड़ के ऊपर रूल किया था…! एंड आझ तो हाम दो खरोड़ हैं.. समाझ लो क्या होगा?
शाम को न्यूज़ चैनलों के प्राइम टाइम डिबेट का हिस्सा रिचर्ड कैरी का दिया भाषण रहता..”अंग्रेज़ों के ऊपर जुल्म कब तक”
न्यूज़ एंकर एक सुपर लिबरल नेता राहुल खान विलियम्स से इस बारे में ज़वाब मांगता..
राहुल खान विलियम्स – देखिये आज देश में हिन्दुत्त्ववादी कट्टरपंथी सोच काफी तेजी से पैर पसार रहा हैं..जो देश की एकता अखंडता के लिए बहुत ही घातक हैं…और इन सब के पीछे VHS और उनकी सहयोगी संगठनों का हाथ हैं… और ये VHS के लोग वो हैं जिनका स्वतंत्रता संग्राम में कोई भी योगदान नहीं हैं. जब चाइनिजों को इस देश से खदेड़ने के लिए हिन्दू-मुस्लिम-सिख-अंग्रेज सब मिल के लड़ रहे थे तब VHS के लीडर ने साफ़-साफ़ कहा था कि चाइनिज़ो को भगाने से पहले इस देश से अँग्रेज़ों को भागना होगा…जहाँ चाइनिजों के अत्याचार ने हम सब को एक होने पे मज़बूर कर दिया था..वहाँ वे अंग्रेजों को भगाने की बात कर रहे थे. ये VHS के लोग कट्टरता का ज़हर घोल रहे हैं हिंदुओं में. हमारी गंगा-जमुनी-थेम्स की तहज़ीब हैं जो दुनिया में अन्यत्र कही नहीं हैं..हमारी इस खूबसूरत तहज़ीब और इसके ताने-बाने को ये लोग तोड़ने में लगे हुए हैं…हम तो सरकार से गुज़ारिश करते हैं कि VHS को फ़ौरन बैन किया जाय इस देश में.
कॉंग्रेस का प्रवक्ता छेदीलाल यादव बोलता – मैं राहुल खान विलियम्स से पूरी तरह सहमत हूँ…अरे अतीत में क्या हुआ उससे हमें क्या लेना देना…गड़े मुर्दे उखाड़ने से क्या फायदा..चाइनिजों के 100 साल शासन और आज़ादी के 30 साल बाद गंगा-यमुना-थेम्स में कितना गैलन पानी बह चूका हैं…लेकिन ये VHS के लोग आज भी वही बैठे हुए हैं.आज हम 22वीं सदी के लोग हैं..धर्म के नाम पे लड़ना अच्छा लगता हैं क्या.
मुस्लिम क़ौमी एकता का प्रवक्ता बोलता – मैं ज़नाब राहुल खान विलियम्स और छेदीलाल जी की बातों से मुत्तासिर हूँ और इत्तफ़ाक़ भी रखता हूँ. ये VHS के लोग इस मुल्क को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते हैं..हम मुसलमान इस मुल्क में लगभग हज़ार साल से रहते आ रहे हैं..और ये आज हमें पाकिस्तान चले जाने को कहते हैं..जिसको जाना था वो चले गए हम नहीं जाने वाले. हमें बोझ न समझा जाय..हमने भी चाइनिजों के खिलाफ बहुत कुर्बानियां दी हैं.और हमारा भी इस मुल्क में उतना ही हक़ हैं जितना आपका.
VHS का विचारक बोलता – देखिये हम किसी को कहीं नहीं भगा रहे हैं….लेकिन हम चाहते हैं कि आप राष्ट्र के प्रति समर्पित हो….यहाँ के ज्यादातर मुस्लिम पाकिस्तान परस्त हैं और अँगरेज़ न्यू-इंग्लैंड और ब्रिटेन परस्त…मुसलमान मुग़ल काल से बाहर नहीं आना चाहता तो अँगरेज़ अपनी ब्रिटिश शासन से…अब हम आज़ाद हो चुके हैं और आपने भी अपनी बहुत मनमानी कर ली हैं..अगर आपको इस देश में रहना हैं तो हमारी भावनावों का सम्मान करना होगा. यहाँ न्यूज़ रुम में बैठ के एकता-अखंडता की बातें कर रहे हैं.. वहीँ पाकिस्तान और न्यू-इंग्लैंड में प्लानिंग चल रही होगी कि अभी भारत के किस शहर में बम फोड़ना हैं और उसकी सहायता कौन करता हैं??.. यहीं रह रहे मुस्लिम और क्रिश्चन.
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अगले दिन रिचर्ड कैरी के प्रत्युत्तर में VHS का अध्यक्ष वीर प्रताप सिंह रैली को संबोधित करते हुए – रिचर्ड कैरी महोदय…आज उड़ीसा और केरल में दो चार झड़पें क्या हो गई,ये तुम्हें ज़ुल्म लग रहा हैं…अरे ये ज़ुल्म तो तुम्हारे बाप-दादाओं द्वारा किये गए ज़ुल्म का तो रत्ती भर भी नहीं हैं..आज तुमलोग हमें टोलेरेंट का पाठ पढ़ा रहे हो..अगर हम तुम्हारी इंटोलेरेंट का लिस्ट निकाले न तो वो लिस्ट दिल्ली से शुरू होगी और लंदन जा कर भी ख़त्म नहीं होगा. अपने 200 साल के शासन के दौरान भारतवर्ष का किस तरह से शोषण और दहन किया और अपने ब्रिटेन को किस तरह खड़ा किया वो हमें भलीभांति मालूम  हैं. इतना सब कुछ कर लेने के बाद भी जब चाइनीज़ यहाँ से जाने लगे तो तुमने एक अलग न्यू-इंग्लैंड राष्ट्र की मांग कर डाली…अगर अभी आपको यहाँ रहने में घुटन हो रही हैं तो न्यू-इंग्लैंड का रास्ता खुला हुआ हैं…और वे मुसलमान जो इनके सुर में सुर मिला रहे हैं वो भी हमें टोलेरेंट का पाठ पढ़ाने की चेष्टा न करें…आप किसकी क़ुर्बानियों का बखान कर रहे हैं..अरे आप तो उन क़ुर्बानियों के बदले में भारत माँ को टुकड़े करके पाकिस्तान और न्यू-इंग्लैंड ले लिया..उन क़ुर्बानियों का ज़िक्र का क्या औचित्य हैं तुम्हारे लिए..  .हम अँग्रेज़ों और मुसलमानों को सीधा चेतावनी देते हैं कि अगर आपको इस राष्ट्र में रहना हैं तो इस राष्ट्र का बन के रहो... न्यू-इंग्लैंड और पाकिस्तान की स्वामीभक्ति नहीं चलेगी.
इस भाषण के बाद फिर से न्यूज़ चैनलों में गहमा-गहमी का माहौल हो जाता…इस्लामाबाद दुबई से होते हुए वेटिकन सिटी लन्दन और वाशिंगटन तक की मीडिया में चर्चा का विषय बन जाता..सोशल मीडिया जम के ऑनलाइन दादागिरी और उपदेशगिरी शुरू हो जाती…और ज्यादातर कूल-डूड टाइप के हिन्दू लड़के वीर प्रताप सिंह की मज़्ज़मत कर रहे होते…कि ये साले तिलकधारी लोग एक कॉमन और आम हिन्दू-मुस्लिम-अँग्रेज़ की एकता में फुट डालने की कोशिश कर रहे हैं..जो कभी कामयाब नहीं होगी... वहीँ एक कॉमन मुस्लिम लड़का बोलता- अबे तिलकधारियों तुम भूल गए क्या हमने तुमलोगों के ऊपर 1000 साल हुक़ूमत किया हैं..हमें छेड़ो मत..अरे हमारे लिए 56 इस्लामिक मुल्क हैं,हम कही भी सेटल हो सकते हैं लेकिन अगर हम बिगड़ गए तो सोचो तुम कहाँ जाओगे?... एक कॉमन अँग्रेज बोलता – अबे भूल गया क्या हमने भी 200 साल रूल किया हैं तुमलोगों पे..हमारा पुरे वर्ल्ड में 70 क्रिश्चियन खण्ट्री हैं..लेकिन टूम कहाँ जाएगा..नेफाल?
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अंत में...हम हिंदुओं की समस्या क्या रही हैं…. पहले मुस्लिम आक्रांता आये, उन्होनें खूब लूटमार और आतंक मचाया..उसके विरुद्ध हम संगठित होना शुरू हुए और लड़ाईयां लड़ी जाने लगी…इसी बीच अंग्रेज़ आ धमके..हम पहले से ही लड़े आ रहे थे,अँग्रेज़ों ने और लड़ाया और खुद देश की सत्ता पे आसीन हो गए..फिर उन्होनें भी भयंकर कोहराम और क़त्लेआम मचाया…..फिर हिन्दू-मुस्लिम ने मिल के अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला और इस बीच हमने मुसलमानों के अत्याचारों को भुला दिया..फिर जब अँग्रेज जाने-जाने को हुए,चाइनीज़ आ धमके और उसने भी अंग्रेज़ों के नक़्शे कदम पे चलते हुए देश की सत्ता पे काबिज हुए…फिर उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम-अँग्रेज़ तीनों के ऊपर और भी भयंकर तरीके से शोषण और क़त्लेआम मचाया…फिर हिन्दू-मुस्लिम-अंग्रेज़ तीनों ने मिलकर चाइनिजों के खिलाफ क्रांति की…और इस बीच हमने फिर से अँग्रेज़ों के अत्याचारों को विस्मृत कर दिया.
हम थे जो अतीत की यादों को विस्मृत किये जा रहे थे लेकिन मुस्लिम और अंग्रेज़ अतीत को साथ-साथ ढोये चल रहे थे..अपने गौरवमयी इतिहास से पीछा छूटा ही नहीं पा रहे थे..हमने 1000 साल राज किया हैं तो दूसरा 200 साल…और चाइनिजों के जाते-जाते वक़्त जब ये स्पष्ट होने लगा कि देश की बागडोर हिंदुओं के हाथ आने वाली हैं,तो इनका 1000 साल और 200 साल का स्वर्णिम इतिहास इनके मानस पटल पे ज़ोरदार ध्वस्तक दस्तक देने लगा…और फिर कर डाला..अलग पाकिस्तान और न्यू-इंग्लैंड की मांग…और लिया भी….
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और हम आज फिर से अतीत को भुला कर फिर से भाई-भाईचारा के खेल का आनंद ले रहे हैं और वो बाकी बचे-खुचे मुस्लिम और अंग्रेज आज भी अपने इतिहास में गोता लगा रहे हैं. हमें अपना इतिहास बहुत जल्द भुला देना ही एक दिन हमें ले डूबेगा.
जय हिन्द
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गंगा महतो 
खोपोली

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